देवास- चार साल का रोशन शनिवार को सुबह ग्यारह बजे खुले बोर के गड्ढे में गिर गया था.बचने की कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन 'जाको राखे साइयाँ मार सके न कोई'वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए पूरे 35 घंटो बाद रोशन सकुशल बाहर आ गया.लेकिन मासूम को निकालने के लिए पुलिस,प्रशासन और सेना ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया.दो दिनों तक लगातार बोर के समानांतर खुदाई होती रही. चट्टानों की वजह से खुदाई में काफी परेशानी आ ही थी इधर बच्चे की जिंदगी की चिंता बढ़ती जा रही थी.उसे जिन्दा रखने के लिए पाइप से दूध और जूस दिया जाता रहा.जब कोई रास्ता नहीं बचा तो बोर में रस्सी डाली गई.रोशन से कहा गया कि चूड़ी की तरह फंदे को पहन ले. मासूम रोशन ने सारी बातो को माना और रविवार को रात 10 : 30 पर सकुशल बोर से बाहर आ गया.
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