भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) अस्पताल के प्रंबन्धन की लापरवाही के चलते एक माँ ने अपने बच्चे को दुनिया मे आने से पहले ही खो दिया। जेपी अस्पताल की अव्यवस्थाये इस प्रकार खराब है कि इलाज के लिए इमरजेंसी मे आई गर्भवती महिला को न तो व्हील चेयर दी गई, और न ही स्ट्रेचर मिला। इस दौरान इमरजेंसी मे कोई अटेंडेंट भी नहीं था। जिसके चलते महिला का गर्भपात (मिसकैरेज) हो गया।
पंचशील नगर निवासी राजकुमार राठौर सब्जी कारोबारी हैं। उनकी पत्नी सुजाता राठौर अरेरा कालोनी स्थित एक निजी अस्पताल मे नौकरी करती हैं। सात महीने कि गर्भवती सुजाता को रविवार सुबह करीब 11:30 बजे पेट मे दर्द शुरू हुआ, दोपहर करीब 12:30 बजे राजकुमार उन्हे जेपी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहा मौजूद डॉक्टरो ने उन्हे मेटरनिटी वार्ड मे जाने कि सलाह दी। सुजाता का दर्द बढ़ता जा रहा हैं। जैसे-तैसे करके राजकुमार ने उन्हे लिफ्ट मे खड़ा किया और फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचे। लिफ्ट से निकलते ही सुजाता को ब्लीडिंग शुरू हो गई और वह फर्श पर लेट गई, और दर्द से तड़पने लगी। सुजाता दर्द से चिल्ला रही थी, लेकिन मदद के लिए कोई स्टाफ नहीं आया। मेटरनिटी वार्ड से नर्सो को आने मे करीब 15 मिनट का वक्त लग गया। इसके बाद सुजाता को ऑपरेशन थियेटर मे ले जया गया। लेकिन गर्भ मे पल रहे बच्चे को बचा नहीं पाये।
पति राजकुमार का आरोप है कि- कहा कि इमरजेंसी मे स्ट्रेचर और व्हील चेयर नहीं मिली। अटेंडेंट भी नही थे। ऐसे मे सुजाता को पैदल ही मेटरनिटी वार्ड मे ले जाना पड़ा। अस्पताल की इस लापरवाही के कारण हमने अपना बच्चा खो दिया हैं।
डॉ॰ आइके चुघ, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल, व्हील चेयर न मिलने की जांच की करेगी...........इमरजेंसी मे सभी मरीजो को व्हील चेयर और स्ट्रेचर की सुविधा दी जाती हैं। लेकिन अगर सुजाता के पति ने आरोप लगाया हैं तो जांच की जाएगी।