भोपाल। (सुलेखा सिंगोरिया) सीआरपीएफ कैंपस बंगरसिया निवासी कृष्णा सोलंकी होशंगाबाद रोड स्थित नोबल अस्पताल मे 2 जून को करीब 11 बजे दर्द से कराहती हुई एक महिला अस्पताल पहुंची। खुद को नौ महीने का गर्भ बताने वाली महिला का ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टरो ने बताया की उसके पेट मे बच्चा नहीं हैं। महिला के परिजनो का आरोप है कि अस्पताल प्रबन्धक ने बच्चा गायब किया हैं। जबकि, इस मामले मे प्रबन्धक का कहना हैं कि महिला स्यूडो प्रेग्नेंसी की शिकार थी। उसके पेट मे बच्चा नहीं था। डॉक्टरो ने जांच के बाद उनका ऑपरेशन किया और करीब एक घंटे बाद उनके पति प्रेमपाल सोलंकी को ओटी मे बुलाया। यहाँ डॉक्टरो ने महिला का पेट दिखाकर उन्हे बताया की बच्चा है ही नहीं। यह सुनकर प्रेमपाल के होश उड़ गए। परिजनो ने इस पर अस्पताल मे खूब तमाशा किया। अस्पताल प्रबंधन की और से इसकी शिकायत सीआरपीएफ के अधिकारियों से की हैं। वहाँ मामले की जांच की जा रही हैं। अस्पताल प्रबंधन का दावा हैं कि कृष्णा ने सोनोग्राफी नही होने कि बात कही थी। जबकि, सीसीटीवी फुटेज मे महिला बैग छिपाती दिखी, जब बैग मे देखा तो उसमे सोनोग्राफी कि रिपोर्ट मिली हैं। उसमे भी महिला के प्रेग्नेंट नहीं होने कि पुष्टि हुई है। कृष्णा ने कहा छठवे महीने वह नोबल मे इलाज के लिए आ रही है। उसकी एक भी सोनोग्राफी नहीं हुई। ऑपरेशन से पहले उसने सोनोग्राफी करने का कहा को था। लेकिन डॉक्टरो ने यह कह कर टाल दिया कि पहले दो ऑपरेशन हो चुके हैं। डिलीवरी ऑपरेशन से ही होगी। सोनोग्राफी कि ज़रूरत नहीं हैं।
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