ब्रेकिंग न्यूज़ मुंबई : सलमान खान के घर फायरिंग के आरोप में गिरफ्तार आरोपी हिरासत में फंदे पर लटका मौत |                खंडवा : मार्कशीट में जन्मतिथि देखकर प्रेम विवाह करने वाली लड़की निकली नाबालिग प्रेमी गिरफ्तार |                 दतिया : डायनामाइट में पत्थर मारते ही विस्फोट, दो युवकों की मौत |                इंदौर : फर्जी बिल कांड में तीन कर्मचारी बर्खास्त |                इंदौर : कांग्रेस नेता मनोज सुले ने अपने कोल्ड स्टोरेज में फांसी लगाकर की अत्महत्या |                रतलाम : गला दबाकर पत्नी की हत्या कर आत्महत्या दिखाने के लिए मुंह में डाला जहर |                आलीराजपुर : शादी में जा रहे 2 भाइयों की ट्रक की चपेट में आने से मौत |                राजगढ़ : जंगल में पेड़ पर लटका मिला 72 दिन से गायब युवक का कंकाल |                झाबुआ : साड़ी के फंदे में फर्श पर मिला युवक का शव, हत्या की आशंका |                  
खाली अस्पताल के चलते मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु की बड़ रही दर।

भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन बीते एक दशक से यहाँ अलग-अलग योजनाए और अभियान चला रहा हैं। इसके बाद भी मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर मे कोई कमी नहीं आई हैं। एक माह पहले जारी हुई सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के अनुसार शिशु मृत्यु दर मे मप्र देश मे पहले नंबर पर हैं। स्वास्थ्य केन्द्रो मे तो चिकित्सको के आधे से ज़्यादा पद खाली हैं।  अब सवाल यह है की बिना डॉक्टरो वाले सरकारी अस्पतालो मे प्रसव और इलाज के लिए आने वाली महिलाओ और नवजातों को ज़िंदगी बचाने की उम्मीद कैसे की जा सकती हैं।

जिला अस्पतालो मे तो एनेस्थेटिस्ट के 70% पास खाली हैं। होशंगाबाद, मंडला, सागर,शहडोल के जिला अस्पतालो मे एक भी एनेस्थेटिस्ट नहीं हैं। और सजेरियन केस मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिये जाते हैं। इमरजेंसी मे सिजेरियन डिलिवरी की स्थिति बनाने पर निजी अस्पताल से एनेस्थेटिस्ट बुलाए जाते हैं। दूसरी तरफ प्रदेश के दर्जनो एनेस्थेटिस्ट का सरकार सही इस्तेमाल नहीं कर रही हैं। इस विशेषज्ञों को ऐसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर नियुक्त कर दिया गया हैं। जहां ऑपरेशन की सुविधा तक नहीं हैं यहाँ वे मेडिकल ऑफिसर की ड्यूटी निभा रहे हैं।

डॉ॰ ललित श्रीवास्तव,संरक्षक,एमपीआर मेडिकल एसोसिएशन.............

हम लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रो मे चिकित्सको को पर्याप्त सुविधाए देने की मांग रहे हैं। लेकिन सरकार ने अभी तक इस दिशा मे कोई गंभीरता नहीं दिखाई हैं। बिना डॉक्टरो के मातृ एवं बाल सुरक्षा की बात बेमानी हैं।

Advertisment
 
प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
Copyright © 2016-17 LOKJUNG.com              Service and private policy              Email : lokjung.saify@gmail.com