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निर्मला के बजट मे, निर्बलों के लिए कुछ भी नहीं।

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार की योजनाओं के केंद्र में गांव, गरीब और किसान हमेशा रहते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वतंत्र भारत के इतिहास में केंद्रीय बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बन गई हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट प्रस्ताव को मंजूरी दी।  निर्मला सीतारमण ने किसान, गांव, व्यापार, एफडीआई से लेकर तमाम क्षेत्रों के लिए बजट का ऐलान किया। बजट पेश होने के पहले सभी को उम्मीदे थी इस बार कुछ अलग होगा। लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ। वही की वही बजट नीति फिर से नए शब्दो के साथ पेश कर दी गई हैं। खोदा पहाड़ निकली चुहिया ऐसा कहना गलत नहीं होगा।    

तो चलिए जानते हैं मोदी सरकार के इस बजट की अहम बात: 

1, देश में विश्वस्तरीय उच्च शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देने के लिये बजट में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। विदेशी छात्रों को भारत में अध्ययन के लिये आकर्षित किया जायेगा।

2, सरकार के प्रत्येक कार्य एवं योजना के केन्द्र में ''गांव, गरीब और किसान होने का दावा करते हुए सीतारमण ने कहा कि 2022 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में बिजली का कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी।

3, वर्ष 2024 तक 'हर घर जल सुनिश्चित करने के लिये नीति पर काम करेंगे। मांग आधारित जलापूर्ति की दिशा में मंत्रालय काम करेगा।

4, प्रधानमंत्री कर्म योगी मान धन योजना के तहत करीब तीन करोड़ खुदरा व्यापारियों और दुकानदारों के लिये पेंशन योजना दी जाएगी।

5, सरकार वर्ष 2022 तक 1.95 करोड़ पात्र गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर उपलब्ध करायेगी। 

6, सरकार 2022 तक कनेक्शन लेने के अनिच्छुक परिवारों को छोड़कर अन्य सभी ग्रामीण परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन और बिजली कनेक्शनल उपलब्ध करायेगी।

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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