भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) खुद को बचाने के लिए एक बेकसूर की हत्या कर रचा अपनी ही मौत का जाल। पुलिस ने किया खुलासा अपराधी गिरफ्तार। दरअसल, 2015 मे हुई हत्या के मामले मे सजायाफ्ता राजेश 15 जून को पैरोल पर भोपाल सेंट्रल जेल से बाहर आया था। वह 15 जून को जेल से बाहर आया यानि 29 को वापिस जाना था। लेकिन राजेश जेल नहीं चाहता था। इस के लिए उसने 28 को ही एक मास्टरमाइंड प्लान बनाया। जिसमे मदद के लिए अपने दोस्त निहाल खान को कॉल कर जिंसी चौराह बुलाया। निहाल बिहार के चांपरण जा रहने वाला यहाँ अटेर से इंजीनियरिंग कर रहा हैं। निहाल पहले राजेश घर मे किराए से रहना था। राजेश ने निहाल को अपनी साजिश का बताते हुई मदद मांगी तो उसने माना कर दिया। राजेश ने कहा तुझे तो केवल मेरा साथ देना हैं, बाकी सब मैं संभाल लूँगा। उसके लिए तुझे एक लाख रुपए भी दूंगा। 28 जून रात 8:30 बजे दोनों बाइक लेकर घर से निकले, उन्हे राजेश के हुलिये से मिलते-जुलते एक युवक की तलाश थी। प्रभात चौराहा की कलारी पर पहुंचे। यहाँ उन्हे एक युवक अकेले शराब पीते नज़र आया। नाम था राजेश रैकवार उर्फ राजू। दोनों ने पहले राजू के पास बैठकर थोड़ी शराब पी और उसे दोस्त बना लिया। नौकरी का लालच देकर उसे बाइक से नीलबड़ लाने लगे। यहाँ से निकलकर नेहरू नगर स्थित पुलिस पेट्रोल पंप पहुंचे और बाइक मे 800 रुपए का पेट्रोल डलवाया। घर पहुंचे ओर राजी को दोवारा शराब पीलने लगे। जैसे ही नशा बढ़ा राजेश ने उसके हाथ-पैर रस्सी से बांधकर गला दबा दिया। इसके बाद अपनी पुरानी किताबे, कपड़े, चादर और घर मे रखा अन्य सामान राजू के पास लाकर रखने लगा। बाइक से पेट्रोल निकालकर राजू ओर उसके आसपास पड़े सामान पर उड़ेल दिया। पहले से लिखा सुसाइट नोट कमरे मे आग की पहुँच से दूर छोड़ा। पुलिस को सुसाइट नोट मिला, इसलिए शुरूआत मे लगा कि उसने ज़िंदगी से तंग आकार आत्मदाह कर लिया। बुरी तरह झुलसे शव का पोस्ट्मोर्टम शुरू हुआ। डॉक्टरों ने इसे हत्या करार दिया, क्योकि शव के हाथ-पैर रस्सी से बंधे थे, पूरी तरह जल चुकी थी। पीएम के दौरान गला दबाकर हत्या कि पुष्टि हुई। तब पुलिस ने इसे हत्या मानकर नए सिरे से जांच शुरू की। पता चला कि मौत के बाद भी राजेश का फोन ऑन था और उस पर बातचीत भी हो रही थी। उसके दोस्तो को बुलाकर बात की तो पता चला कि निहाल भी इन दिनो शहर छोड़ चुका हैं, जो राजेश का काफी करीबी हैं। पुलिस ने निहाल की भी तकनीकी पड़ताल शुरू कर दी। लोकेशन के आधार पर पुलिस गुजरात स्थित अंदर जा पहुंची, जहां वह अपने दोस्त विशाल के घर रुका हुआ था। कुछ सवालो मे ही निहाल टूट गया और पुलिस को सारी साजिश बता दिया। राजेश साउथ इंडिया मे थे और बार बार बात कर फोन ऑन-ऑफ कर रहा था। पुलिस के कहने पर निहाल ने राजेश से बात की। बोला इधर-उधर मत भागो, बेंगलुरु मे मेरा एक दोस्त रहता हैं। कुछ दिन वही रुक जाओ। भरोसे मे आया राजेश जैसे ही सेंट्रल चेन्नई पहुंचा, यहाँ पहले से मौजूद भोपाल पुलिस की टीम ने उसे पकड़ लिया।
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