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एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर वकीलो की हड़ताल की धमकी से डरी, कमलनाथ सरकार विधि मंत्री ने प्रेसवार्ता करके वचनबध्द्ता दोहराई।

भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) भोपाल - मध्यप्रदेश कॉंग्रेस सरकार की मान्यता हैं कि समाज का जो वर्ग कानून की रक्षार्थ अपना जीवन समर्पित करता हैं। उसकी रक्षा का दायित्व सरकार का होना चाहिए। अत: मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार अधिवक्ताओ द्वारा अपने दायित्वों के निर्भयता एवं स्वतंत्रतापूर्वक निर्वहन हेतु अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम 2019 का एक प्रारूप तैयार किया हैं। जो शीघ्र ही मंत्री परिषद के अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जावेगा। प्रस्तावित विधेयक मे अधिवक्ताओ को उनके कर्तव्य के निर्वहन करने से रोकने या उसमे बाधा पहुंचाने के लिए उन पर हमला करने, चोट पहुंचाने, धमकी देने इत्यादि को प्रतिबंधित करते हुए दंडित किए जाने के संबंध मे प्रचलित कानूनों से अधिक कड़े कानून प्रस्तावित किए गए हैं। उक्त बाते प्रदेश सरकार के विधि मंत्री पी सी शर्मा ने एक प्रेस वार्ता मे कही  

 

प्रस्तावित विधेयक की विषय वस्तु समवर्ती (Central list) सूची मे आती हैं, एवं प्रस्तावित विधेयक के प्रावधान भारतीय दंड संहिता (IPC) मे परिभाषित आपराधिक बल, हमला एवं अपराधिक अभित्रास के प्रावधानों से असंगत हैं। अत: संविधान के अनुच्छे 254 (2) के अंतर्गत विधेयक विधान सभा मे पारित होने के पश्चात उसे मान राज्यपाल महोदय द्वारा, मान, राष्ट्रपति की अनुमति (Assent) हेतु रक्षित करना आवश्यक होगा।

गौर तलब है गत विधान सभा चुनाव मे जारी अपने वचनपत्र मे काँग्रेस ने वकीलो पर बढ़ते हमलो के मद्देनजर प्रदेश मे एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाने का वादा किया था। गत केबिनेट मीटिंग मे इसको लाया भी गया था, मगर कमलनाथ सरकार के कुछ मंत्रियो दुआरा इस पर आपत्ति करने पर ये चालू विधानसभा सत्र मे पेश होने से रह गया। जिसको लेकर वकीलो मे नाराजगी बढ़ गई और उन्होने हड़ताल पर जाने की धमकी देदी लिहाजा अनन फानन मे शासन के विधि मंत्री पी सी शर्मा को प्रेसवार्ता करके ये कहना पडा की कमलनाथ सरकार वचन पत्र मे किए गए वादो को पूरा करने को लेकर पूरी तरह गंभीर है

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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