भोपाल। पिछले तीन सालो के धूल खा रही एफेरेसिस मशीन आखिरकार एम्स को दान कर दी है। जेपी अस्पताल मे कबाड़ मे पड़ी रक्त से प्लेटलेट अलग करने वाली 15 लाख रु की एफेरेसिस मशीन एम्स को दे दी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पतालो मे प्लेटलेट की कमी पूरी करने एफेरेसिस मशीन लगाई। विभाग ने मशीन दी, लेकिन प्लेटलेट रखने की किट नहीं दी। ऐसे मे डोनर को 10 हजार रु की किट खरीदनी पड़ रही थी। यही कारण हैं कि तीन सालो मे इस मशीन से किसी भी मरीज को प्लेटलेट नहीं दिया गया। सरकार ने जेपी अस्पताल के साथ उज्जैन, ग्वालियर, रतलाम और जबलपुर को भी एफेरेसिस मशीन दी थी। लेकिन इन सभी जगह पर भी मशीन के यही हाल हैं। एम्स के जैसे अन्य जिलो मे भी एफेरेसिस मशीन दान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राकेश मुंशी, संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य संचालनालय- जिला अस्पतालो मे प्लेटलेट कि ज़रूरत कम होगी हैं, ऐसे मे मशीन रखने से कोई फायदा नहीं हैं। जब मरीजो को ज़रूरत होगी तो हम अन्य ब्लड बैंको व्यवस्था कर लेंगे। किसी को दिक्कत नहीं होगी।