भोपाल। आपसी तालमेल की कमी के चलते करोड़ो खर्च से बनी सीमेंट-कांक्रीट सड़क हुई बर्बाद।
रोहित नगर से बावड़ियाकलां होते हुए सनखेड़ी जाने वाली सीवेज पाइप लाइन के लिए नगर निगम ने बीडीए को तीन बार पत्र लिखा। लेकिन बीड़ीए ने जबाव नहीं दिया, जिसके चलते नगर निगम को सड़क खोदनी पड़ी। यदि बीडीए ने निगम को पत्र का जवाब दे दिया होता तो शायद सड़क खोदने की नौबत ही नहीं आती। बीडीए ने यह सड़क आरसीसी की बनाई है यानी इसमें लोहा बिछाया गया है
नियमानुसार, बीडीए की स्कीम के भीतर कोई भी अन्य एजेंसी बीडीए की अनुमति बगैर कोई कार्य नहीं कर सकती। बीडीए नगर निगम को यहां सीवेज लाइन बिछाने की अनुमति देने के साथ अपनी कॉलोनी की सीवेज लाइन भी जोड़ सकता था। इससे बीडीए यहां एसटीपी के निर्माण पर होने वाला लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का खर्चा बचा सकता था। लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा हो न सका।
संतोष गुप्ता, सिटी इंजीनियर (सीवेज), ननि शहर में सड़क के बीच में ही सीवेज लाइन बिछा रहे हैं ताकि अन्य कॉलोनियों में भी इस्तेमाल हो सके। सड़क में बनी ट्रेंच या फुटपाथ के लिए छोड़ी गई जगह की जानकारी होती तो समन्वय से निर्णय लिया जा सकता था।
कल्पना श्रीवास्तव, संभागायुक्त एवं चेयरपर्सन, बीडीए-
बीडीए और नगर निगम को समन्वय से काम करना था। हम मौके पर बुधवार को ही टेक्निकल टीम भेज कर जांच कराएंगे कि किस स्तर पर गड़बड़ी हुई है। इसके बाद कार्रवाई करेंगे।
पीसी चौधरी, एक्जीक्युटिव इंजीनियर, बीडीए- अमृत योजना में निगम पूरे शहर के साथ मिसरोद में भी सीवेज लाइन बिछा रहा है। यह सड़क नगर निगम ने ही खोदी है इसलिए स्वाभाविक रूप से रेस्टोरेशन की जिम्मेदारी भी नगर निगम की होगी। हम तो वहां बीडीए द्वारा किए जा रहे डेवलपमेंट का सुपरविजन करते हैं।