कैसे हम भूले, तुमको जब तुमसे ही प्यार है।
माना दूर है मुझसे, पर तेरा ही इन्तज़ार है।
आखों में सूरत तेरी, लगता है तू पास है।
अब तो मेरे सासो की, बस तू ही झंकार है।
ये मुमकिन कब है प्रीतम, दोनों का एक हो सफ़र।
साकी के पैमाने से, कब तुझको इन्कार है।
अब खूं मे है मेरे, दिलकश की मोहब्बत जुनूँ।
अहवाल अब ये मेरा, अब वो मेरे सरकार है।
तौबा तौबा है "झरना," तेरे ऐसे इश्क़ का,
उसको एहसास कब तेरा, कब तेरा इकरार है।
झरना माथुर