भोपाल : ( नुजहत सुल्तान ) पिछले कुछ सालों में प्रदेश में कई जगह छोटे अस्पतालों व नर्सिंग होम्स में आग के कारण कई मौतें हुई थीं इनकी जांच में पाया गया था कि कई अस्पतालों के पास सिर्फ प्रोविज़नल एनओसी थी, लेकिन फायर प्लान के अनुरूप आग बुझाने के कोई इंतेजाम नहीं थे | लेकिन अब इस समस्या के समाधान के लिए शासन ने हाई लेवल कमेटी बनाई हैं | 50 से कम बेड वाले अस्पताल, होटल और 15 मीटर यानि 50 फीट से कम ऊंचाई वाली बिल्डिंग के लिए फायर सेफ़्टी प्लान का अप्रूवल सीधे फायर कंसल्टेंट दे सकेंगे | उन्हें फायर सेफ़्टी सर्टिफिकेट देने की अनुमति भी रहेगी इसके लिए कंसल्टेंट को संबंधित फायर ऑफिसर को सूचना देनी होगी | नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने फायर एनओसी के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी हैं | इसके तहत फायर ऑफिसर कंसल्टेंट द्वारा दी अनुमतियों की 10% रैंडम जांच कर सकेंगे | गड़बड़ी पाए जाने पर कंसल्टेंट पर कार्रवाई की जाएगी | फायर सेफ़्टी प्लान अप्रूव होने के बाद ऊर्जा विभाग के नियमों के तहत बिजली सुरक्षा प्रमाण पत्र लेने के लिए ऑडिट होगा | 33 किलोवाट या उससे कम वोल्टेज वाली बिजली व्यवस्था की जांच ऊर्जा विभाग द्वारा अधिकृत चार्टर्ड इलेक्ट्रिक सेफ़्टी इंजीनियर या फिर पीडब्ल्यूडी के विद्दुत एवं यांत्रिकी संकाय में कार्यरत सहायक अभियंता या उससे उच्च स्तर के ऐसे इंजीनियर करेंगे जिनके पास इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का सर्टिफिकेट हो |
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