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इंस्टेंट लोन एप्लिकेशन के जरिए डेटा चुराकर करोड़ो की धोखाधड़ी करने वाली गैंग के दो सदस्य पकड़ाए, चला रहे 30 फर्जी कंपनियां, लोगो को कर रहे ब्लैकमेल |

भोपाल : थाईलैंड से चल रहे लोन एप से करोड़ो रु. की ठगी करने वाली गैंग के दो सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े | ज़रूरतमन्द लोग तुरंत लोन मिलने की लालच में प्ले स्टोर से “बडी कैश” एप डाउनलोड करते हैं और इस एप को इंस्टाल करते ही जालसाज लोगो के फोन का पूरा डेटा सर्वर कॉपी कर लेते हैं यह डेटा विदेशो में बने सर्वर में डाउनलोड हो जाता हैं | फिर इसी डेटा के आधार पर जालसाज उपभोक्ताओं को बदनामी का डर दिखाकर ब्लैकमेल करता हैं | ये गिरोह 8, 10 बैंकों मे खाते खुलवाते हैं इन बैंक खातों में जमा हुई रकम अलग-अलग माध्यमों से देश के बाहर ट्रांसफर कर दी जाती हैं | इस गैंग का खुलासा तब हुआ जब एक रंजीत नाम का युवक इस जालसाजी का शिकार हुआ | दरअसल, रंजीत ने एक इंस्टेंट लोन एप से लोन लिया था लोन चुकाने के बाद भी उनके फोन का डेटा चुरा लिया गया और इस डेटा को जगजाहिर करने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाने लगा | रंजीत ने परेशान होकर इसकी शिकायत पुलिस में की | इस मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर अशोक मरावी, हवलदार प्रतीक उइके और आदित्य साहू ने मुंबई और जयपुर में दबिश दी और हफ़्तेभर वहां रहकर जालसाजों की तलाश करते रहे | इस  दौरान पुलिस को फर्जी खाताधारक और खाते खुलवाने वाले दो जालसाज हाथ लगे हैं | गिरोह का सरगना 12वीं पास वैभव पवार  टैक्सी ड्राइवर हैं, जिसने एक साल में 30 से ज़्यादा फर्जी प्राइवेट कंपनी रजिस्टर्ड करवाई हैं उसने एक कंपनी अपने साथी संजय नारायण के नाम से भी रजिस्टर्ड करवाई हैं जो नवीं कक्षा तक पढ़ा हैं वह बड़ा पाव का ठेला लगाता हैं | पुलिस को आरोपियों के 22 बैंक खातों की जानकारी मिली हैं इनमें से एक खाते में एक करोड़ से अधिक राशि ट्रांसफर हुई हैं |  

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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