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हमीदिया अस्पताल की बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हिस्से को अपग्रेड हुए चार साल हो गए लेकिन अब तक वार्डों की शिफ्टिंग नहीं हुई, नई यूनिट बढ़ाने के लिए स्टाफ बढ़ाने की ज़रूरत |

भोपाल :( नुजहत सुल्तान )  हमीदिया अस्पताल में लगातार कामियां पाई जा रही हैं, कभी सिफारिशी मरीजो का बिना रजिस्ट्रेशन कराए डॉक्टर को दिखाना तो कभी सामान्य मरीजों को ठीक से इलाज न मिलने पर हमीदिया अस्पताल चर्चा में हैं | हमीदिया अस्पताल में एक ओर मामले का खुलासा हुआ हैं कि हमीदिया अस्पताल को केंद्र सरकार ने 2018 में 3 करोड़ बजट दिया था, करीब 2.20 करोड़ की लागत से हमीदिया की बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के एक हिस्से को अपग्रेड किया गया था 80 लाख खर्च करके ज़रूरी वेंटिलेटर और अन्य हाईटेक उपकरण खरीदे गए थे | बर्न यूनिट को अपग्रेड हुए चार साल हो गए लेकिन अभी तक यहाँ वार्डों की शिफ्टिंग नहीं की गई | जबकि इसके लिए दोनों विभाग पिछले चार सालों में जीएमसी डीन और हमीदिया अस्पताल अधीक्षक को 30 से ज़्यादा पत्र लिख चुका हैं, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया | वार्डों के शिफ्ट न होने से इन उपकरणों का एक बार भी उपयोग नहीं किया गया | अपग्रेड किया हिस्सा अभी तक खाली पड़ा हैं ऐसे में सामने वाले हिस्से के कमरों में दो की जगह चार बेड लगाए गए हैं | एसी भी नहीं हैं जबकि बर्निंग के मरीजों को शुद्ध हवा मिलनी चाहिए | ड्रेसिंग रूम में सादे पानी का उपयोग हो रहा हैं, प्लास्टिक सर्जरी और बर्निंग के मरीजों को यहीं पर अलग-अलग वार्डों में रखा जाता हैं | ऐसे में यदि बर्निंग के मरीज बढ़ते हैं तो बेड कम पड़ने की संभावना हैं, पुरानी बिल्डिंग होने से संक्रमण की भी आशंका हैं | 

 

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सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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