भोपाल :( नुजहत सुल्तान ) सांची बोद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्दालय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवादों में है | विवि के पीएचडी छात्र शुभम वर्मा ने कुलपति प्रो. नीरजा गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर थ्रेट मैसेज लिखकर पीएम, सीएम और केंद्रीय गृहमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की है | शुभम ने वीसी पर आरोप लगाया कि पात्र होते हुए भी पहले स्कालरशिप नहीं दी और अब 9 जून को असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए इंटरव्यू देने गया तो मुझे बहुत अपमानित और प्रताड़ित किया | इंटरव्यू पैनल के कुछ पूछने से पहले वीसी भड़क गईं और कहने लगीं कि तुमने मेरी शिकायत की है, संगठन में अब नौकरी नहीं लगने दूंगी | वहीं वीसी ने भी सोशल मीडिया पर इस छात्र को जवाब में लिखा कि शुभम ने इंटरव्यू बोर्ड के सामने स्वीकार किया है कि उसने झूठ लिखकर फैलाया है | इसके साक्षी एनएसडी डायरेक्टर गौड़, एमपीपीएससी के पूर्व सदस्य प्रो. तनेजा, सदस्य इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य हैं | शुभम एक महीने से लगातार ऐसी झूठी खबरे फैला रहे हैं, और सभी उच्च तथा प्रभावशाली लोगों से अपनी सिफ़ारिश भी करवा रहे हैं | शुभम ने बताया कि मैं नेट क्वालिफ़ाई हूं मैंने केवी में पढ़ाया है, डेढ़ साल एजुकॉम्प में शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के साथ ही कई नौकरियां भी की है सांची विवि में एडमिशन लेने के बाद एंट्रेस एग्जाम में अपने डिपार्टमेंट में टॉप किया | रेगुलर रिसर्च वर्क भी किया नियम बदलने के बाद भी योग्य होने पर भी स्कालरशिप नही दी गई, इसलिए अब पीएचडी कोर्स भी छोड़ रहा हूं | वहीं वीसी नीरजा गुप्ता का कहना है कि जो छात्र फुल टाइम पीएचडी करते हैं, उन्हें स्कालरशिप दी जाती है | यह यूजीसी का भी नियम है यानि आपको रेगुलर विवि आकर रिसर्च और एकेडमिक्स गतिविधि में शामिल होना है जब कोई आएगा ही नही तो स्कालरशिप कैसे दी जाएगी | नियम भी नहीं मानने और नौकरी भी चाहिए अब दबाव की भी कोई सीमा होती है |
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