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नौकरी के 33 साल पूरे करने के बाद ही रिटायर्ड कर्मचारियों को पूरी पेंशन मिलेगी, प्रदेश के ऐसे डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी |

भोपाल : 29/01/2024 : मप्र में पूरी पेंशन पाने के लिए 33 साल की सर्विस करना ज़रूरी है, अगर इन कर्मचारियों के द्वारा दी गई सेवा के पूरे 33 साल नहीं होते हैं तो इन्हें पूरी पेंशन नहीं दी जाएगी | प्रदेश के 1 लाख 75 हज़ार कर्मचारी इनमें शामिल हैं | केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए सातवें वेतनमान के साथ इस आहर्ता को घटाकर 25 वर्ष कर दिया था, इसका मतलब जो कर्मचारी 25 साल पूरे करते हैं तो उन्हें ही पूरी पेंशन मिलेगी | सबसे अधिक नुकसान उन कर्मचारियों को होगा जो किसी दूसरे विभाग में थे, उनके विभाग का दूसरे विभाग में संविलियन हो गया | इस कारण उनकी वरिष्ठता की गणना संविलियन के बाद से की गई | इस कारण 35 साल या उससे ज़्यादा की नौकरी करने के बाद भी इनकी सेवा अवधि 7 साल कम हो गई | वहीं जो संविदा कर्मचारी के बाद नियमित हुए, जब से ये नियमित हुए तब से उनकी सेवा अवधि की गणना की गई, इस कारण इन्हें वरिष्ठता में 6 से 10 साल तक का नुकसान हुआ है | वहीं अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले कर्मचारी इस कैटेगरी में शामिल हैं जिन्हें नौकरी करने वाले माता - पिता की मृत्यु होने के बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली, उनकी सेवा अवधि की गणना भी नियुक्ति के बाद से ही की जा रही है | इसलिए इन कर्मचारियों को 33 साल से अधिक नौकरी करने के बाद भी अलग-अलग कारणों से उन्हें पूरी पेंशन से वंचित होना पड़ रहा है | इस मामले में प्रदेश के अलग-अलग कैडर के कर्मचारी संगठनों ने पिछले 15 साल में तत्कालीन मुख्यमंत्री विभिन्न विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे, इनमें से 90% में इन कर्मचारियों को पूरी पेंशन देने की मांग प्रमुखता से उठाई गई है | कर्मचारियों की मांगों को लेकर पेंशन के समाधान के लिए सोमवार को पेंशनर्स का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, सम्मेलन में शामिल होने आ रहे प्रदेश के कई प्रतिनिधियों की उपस्थिती में पेंशनरों की कई मांगों और मुद्दों पर बातचीत कर निर्णय लिए जाएंगे |

 

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सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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