भोपाल : 16/02/2024 : पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर पिछले कई दिनों से मामला गड़बड़ा गया है, पिछले साल जब इस परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ तो मामले ने तूल पकड़ा था | पटवारी भर्ती परीक्षा में शामिल हुए एक ही कॉलेज के 7 उम्मीदवार टॉप 10 की सूची में कैसे आ गए इस मामले में परीक्षा में गड़बड़ी होना बताया गया | जांच आयोग द्वारा परीक्षा के परिणामों की जांच सात महीने तक चली, यह पिछले साल 25 जुलाई से शुरू हुई, और 30 जनवरी को रिपोर्ट शासन को सौंपी गई | रिपोर्ट तैयार करने में 64 संबंधितों के पक्ष लिए गए थे | जस्टिस वर्मा विभिन्न सेंटर पर भी गए, इसी के साथ आरोप लगाने वालों से भी उनका पक्ष जाना लेकिन आरोप लगाने वाले इस संबंध में पुख्ता सबूत नहीं दे पाए | वर्मा ने एनआरआई कॉलेज ग्वालियर में भी जांच की, ईएसबी की परीक्षा प्रक्रिया को भी देखा गया कि इसके प्रोटोकाल में तो कोई गड़बड़ी नहीं हुई है | इसमें सुरक्षा व्यवस्था में खामी नहीं पाई गई, लेकिन सिस्टम को रिमोट पर लिए जाने के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिले | इस जांच में बयानों को आधार बनाया गया और जांच आयोग ने रिजल्ट में किसी तरह की गड़बड़ी न पाए जाने पर पटवारी भर्ती परीक्षा को क्लीन चिट दे दी | इसी के साथ अब होल्ड किए गए ग्रुप-2 और सब ग्रुप-4 के परिणाम भी जल्द घोषित होंगे | लेकिन अब भी परीक्षा में शामिल हुए अनेक अभ्यर्थी परीक्षा निरस्त करने की मांग कर रहे हैं | सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर अभियान चलाया जा रहा है, इन अभ्यर्थियों का आरोप है कि जो चयनित उम्मीदवार मेरिट में आए हैं, वे मप्र के संबंध में बेसिक सवालों के जवाब भी नहीं दे पाए थे | उन्होने पूरी परीक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं चयनित उम्मीदवारों का कहना है कि रिजल्ट पर सवाल उठे तो उसकी जांच हुई कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई तो अब नियुक्ति दी जानी चाहिए |
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