भोपाल : 24/2/2024 :( नुजहत सुल्तान) राजधानी में एक नए तरीके से ठगी करने का मामला सामने आया है आरोपी सरकारी मुलाजिमों का बायोडाटा पता लगाकर पहले उनके नाम फर्जी ट्रांसफर लिस्ट में जोड़ते उसके बाद उनसे संपर्क कर खुद को बड़ा कर्मचारी या मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर ट्रांसफर रुकवाने के लिए कहते | जब व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता तो उनसे पैसा वसूलते हैं | ऐसी ही ठगी का शिकार हुए भोपाल के एक प्रोफेसर ने पुलिस में शिकायत कर बताया कि उनसे ट्रांसफर रुकवाने के नाम पर दो लोगों ने ढाई लाख रु. लिए हैं | प्रोफेसर की शिकायत के आधार पर क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी गई थी, क्राइम ब्रांच की टीम ने पृथ्वीपुर निवासी 12वीं पास 32 वर्षीय सौरभ बिलगैया और 9वीं पास 23 वर्षीय हर्बल कुशवाहा को निवाड़ी से गिरफ्तार कर लिया है | पकड़े गए दोनों ठगों ने पूछताछ में बताया कि वे अपने इलाक़े में उन लोगों की लिस्ट बनाते हैं, जो सरकारी नौकरी में हैं | उनके परिवार को चिन्हित कर उनके पद और कहां पोस्टिंग है, इसकी जानकारी लेते हैं | उसके बाद उनके परिजनों से संपर्क कर खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताते हुए उनसे ट्रांसफर रुकवाने के नाम पर एक लाख से ढाई लाख रु. तक वसूलते थे | जहां परिजनों से बात नहीं हो पाती तो वह गूगल से नंबर निकालकर सीधे संपर्क करते, वे मूल लिस्ट में हेरफेर कर संबंधित का नाम जोड़कर इसे व्हाट्सएप पर संबंधित को भेज देते थे | इस पर म्ध्यप्रदेश शासन का लोगो होता था, सौदा होने के बाद आरोपी खुद के खाते में पैसा न मंगाते हुए गाँव के पास मनी ट्रांसफर करने वालों के माध्यम से पैसा डलवाते थे | इससे उनका सीधा संपर्क पैसा देने वालों से नहीं होता था | इन ठगों ने एक साल में 10 से अधिक लोगों से 20 लाख रु. वसूले हैं |
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