भोपाल : 22/03/2024 : भोपाल स्टेशन से रोजाना 1500 से अधिक चादर, कंबल, लिनेन सेट ट्रेनों के एसी कोचों को उपलब्ध कराए जाते हैं | रोटेशन के आधार पर इनकी धुलाई से लेकर प्रेस होने और पैकिंग तक का काम लॉन्ड्री के ज़रिए होता है | इन सभी कामों को एक ही प्राइवेट फर्म के माध्यम से अब तक रेल प्रशासन करवाता रहा है | वहीं पिछले दो साल में चादर, कंबल, लिनेन सेट की चोरियां बढ़ती चली गईं | और आंकड़ा 25 लाख रु. से अधिक पर पहुँच गया | इस मामले को गंभीरता से लेने के बजाय अब व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा | संबंधित कॉन्ट्रैक्टर का कॉन्ट्रैक्ट खत्म करके एक काम को दो फर्म में बांट दिया गया है | इस मामले की अगर जांच कराई जाती तो चोरी होने के कारणों का खुलासा होता लेकिन ऐसा नहीं किया गया | अब एक निजी फर्म लिनेन सेट धोने से लेकर प्रेस और उनकी पैकिंग तक करेगी | उसके बाद वह इन्हें रेलवे के कैरेज एंड वेगन डिपार्टमेंट को सौंप देगी | वहाँ से आगे की प्रक्रिया दूसरी फर्म करेगी | दूसरी निजी फर्म को रेल प्रशासन की ओर से पैक लिफाफों के सेट दिए जाएंगे | यह फर्म इन्हें ट्रेनों की ज़रूरत के आधार पर लोड करवा देगी | साथ ही उन ट्रेनों की वापसी पर अनलोडिंग का काम भी करवाएगी | एक निजी कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर की पत्नी ने अपने पति पर रेलवे के चादर कंबल चुराने का आरोप लगाया था | यह रेलवे की संपत्ति चोरी का मामला होने के कारण इसकी जांच फॉरेंसिक डिपार्टमेंट द्वारा की जाएगी | जो चोरी का वीडियो पत्नी ने पति के खिलाफ पेश किया है वह जांच में अगर सही पाया गया तो संबंधित इंजीनियर पर आरपीएफ द्वारा प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी |
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