भोपाल : 26/03/2024 : एमपी वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन ने जबलपुर और रीवा संभाग में संचालित अपने कैंपों के संचालन के लिए 23 नवंबर 2021 को टेंडर जारी किए थे | ठीक दो दिन बाद 25 नवंबर को इस काम का ठेका गुजरात की एक कंपनी गो ग्रीन को सौंप दिया गया | 14 दिसंबर 2021 को कंपनी को एमपी वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन से अनुबंध नियमों के तहत रजिस्टर्ड किया गया था | इस दौरान कंपनी को जबलपुर और रीवा संभाग में संचालित कैंप्स का संचालन करना था | कंपनी की लापरवाही के कारण कुछ समय बाद धान की बोरियों में अंकुरण हो गया | खुले में रखे इन धान के बोरों में एक से दो फीट तक के धान के पौधे निकल आए | यानि 121 करोड़ रु. का धान खराब हुआ था | इसके बाद भी कुशवाहा ने कंपनी को वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन से साढ़े 18 करोड़ रु. का भुगतान किया था | जब इस संबंध में कुशवाहा से पूछा गया तो उनका कहना था कि धान खराब होने की जानकारी हमें बाद में मिली थी, भुगतान पहले ही कर दिया गया था | इस दौरान हमने पेमेंट की रिकवरी के प्रयास भी किए थे | कंपनी को नियम विरुद्ध साढ़े 18 करोड़ रु. की राशि देने वाले तत्कालीन उप महाप्रबंधक ओपी कुशवाह को रिटायरमेंट के बाद भी एमपी वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन में फिर से नियुक्ति दे दी गई है | कुशवाहा अब उपमहाप्रबंधक के पद पर आउटसोर्स कर्मचारी के रूप में अपनी सेवाएं देंगे और उन्हें हर महीने 79,662 रु. का मानदेय प्राप्त होगा |
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